अनिका की एग्जाम की तैयारी।।

1033 Words
छाया थोड़ी सोचती है फिर बोलतीहै"बात तो सही की है तुमने एग्जाम को 40 ही दिन हो गए हैं लेकिन कोई बात नहीं एग्जाम तक तुम्हारे पैर ठीक हो जाएंगे और रही बात तैयारी की अगर तुम तैयारी के लिए बाहर नहीं जा सकते तो क्या हुआ किताबें तो अंदर आ सकती है ना तुम यहां पर बैठकर अपनी तैयारी करो किसी बात की टेंशन मत लेना और कहीं आने जाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी! अनिका हां में से हिलतीहै क्या अनिका एग्जाम देने तक कर पाएगी एग्जाम की तैयारी जा रह जाएगी वह इस एग्जाम को देने से अनिका को अभी भी इस बात का गुस्सा था कि वह बाइक वाली लड़की ने उसका इतना नुकसान कर दिया उसके पैर में चोट लगवा दी। पर फिर भी वह बाइक वाली लड़की उसे मिलने नहीं आई। उसने बहुत सोचा उसके बारे में फिर बोलने लगी। खैर छोड़ो उसके बारे में हमें क्या लेना मुझे अपनी स्टडी में ध्यान देना है और अपनी चोट पर भी क्योंकि जब तुम मेरा पैर ठीक नहीं होगा तो एग्जाम की भी तैयारी करने का फायदा नहीं क्योंकि ऐसे में मैं एग्जाम देने भी नहीं जा पाऊंगी। अनिका ने अपना स्कॉलरशिप एग्जाम की तैयारी करना शुरू कर दिया वह दिन रात अपने स्कॉलरशिप की तैयारी में ही लगी रहती। स्कॉलरशिप की तैयारी के साथ-साथ वह अपने हॉस्पिटल के बेड से नीचे उतरकर चलने की कोशिश करती। ताकि जो चोट उसके पैर में लगी है वह जल्दी से जल्दी ठीक हो और वह एग्जाम देने केलायक हो। वह चलते-चलते गिर भी जाते क्योंकि उसका पैर जमीन में थम नहीं रहा था पर फिर भी वह अपनी मां और भाई का सोच कर कोशिश करती रहती। जब अकेली रहती तो भी वह चलने की कोशिश करती और जब छाए साथ में रहती तो वह उसे चलने में मदद करती। छाया अनिका को उसके पढ़ने के लिए हर किताब नोटबुक। पेन पेन वगैरह सब ला करदेती। ताकि उसे किसी भी चीज की कोई जरूरत ना पड़े और वह आराम से अपने बेड में बैठकर अपनी स्टडी कर सके इधर-उधर जाने की जरूरत नापड़े। अनिका की मां भी उसे हर गुरुवार मिलने आती और हाल-चाल पूछती। अपनी बेटी को इतनी मेहनत करते हुए वह इमोशनल हो जाती और बोलती है "बेटी मुझे पता है तुम अपने स्कॉलरशिप के एग्जाम में पक्का कामयाब हो गए क्योंकि तुम इतना मेहनत कर रही हो भगवान भी तुम पर पक्का मेहरबान होगी क्योंकि उसके दर से कभी भी कोई खाली हाथ नहीं किया है।। अनिका हां मैं फिर हिलाते हुए अपनी मां को कहती मां आप फिकर मत कीजिएमैं बहुत मेहनत करूंगी और यह स्कॉलरशिप लेकर रहूंगी और ऊपर वाला है ना मेरे साथ में इतना मेहनत करूं की तो वह भी जरूर मेरा साथ देंगे। अपनी बेटी की ऐसी बातें सुनकर उसकी मां मुस्कुराती है और कहती है मेरी बेटी जरूर कामयाबहोगी।। और वह घर चली जाती है।। अब एग्जाम को सिर्फ कुछ ही दिन रह गए थे जिन चुनकर सिर्फ सात आठ दिनहै। अनिका के पैर की चोट भी अब काफी ठीक हो गई थी वह दौड़ तो नहीं सकती थी पर आराम से चल सकती थी। उसने एग्जाम की भी काफी तैयारी कर ली थी और उसे पूरा कॉन्फिडेंट था कि वह यह एग्जाम जरूर पास कर लेगी। पर कॉन्फिडेंट के साथ-साथ इस बात के लिए टेंशन थी कि अगर वह स्कॉलरशिप पास नहीं कर पाई तो क्या करेगी क्योंकि स्कॉलरशिप के अलावा उसके पास आगे स्टडी करने के लिए कोई भी रास्ता नहीं है। चाहे उसकी दोस्त छाया बिजनेसमैन की इकलौती लड़की थी पर अनिका भी किसी से काम नहीं थी वह सेल्फ कॉन्फिडेंट फ्रीडम गर्ल बनना चाहती थी वह किसी से भी पैसा लेकर खुद को छोटा नहीं समझना चाहतीथी। इसलिए उसने कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए अपने दोस्त से पैसा ना लेकर खुद स्कॉलरशिप पास करके उसमें एडमिशन लेने का सोचा।। एग्जाम से 4 दिन पहले छाया"और अनिका बताओ कैसे चल रही है तुम्हारे एग्जाम की तैयारी बस अब थोड़े ही दिन बच गए हैं एग्जाम के लिए" अनिका"हां यार थोड़े ही दिन बज गए हैं एग्जाम के लिए मुझे पूरा कॉन्फिडेंट है कि मैं एग्जाम दे दूंगी पर मुझे थोड़ा सा टेंशन भी है कि कहीं इस एग्जाम में फेल न हो जाऊं यही एक मेरा आखिरी भरोसा और शहर है छाया"अरे यार तुम टेंशन मत लो मुझे उसे भगवान पर और तुम पर पूरा-पूरा विश्वास है कि मेरी दोस्त बिल्कुल यह स्कॉलरशिप एग्जाम पास करने की तुमने इस एग्जाम के लिए दिन रात मेहनत की है तो तुम कैसे इस एग्जाम में फेल हो सकती हो तुम अपने आप में भरोसा रखो ठीक है भरोसा के साथ-साथ यह भी याद रखना अगर तुम कॉलेज में एडमिशन लगी यह स्कॉलरशिप पास करोगी तो ही मैं भी कॉलेज में एडमिशन लूंगी समझी! अनिका"अरे यार तुम मेरे पीछे अपनी स्टडी को क्यों खराब करने के पीछे पड़ी हुई हो मेरा पता नहीं मैं पास कर पाऊं कि नहीं पर तुम्हारे पास तो मौका है और मुझे पता है तुम्हारा तो एडमिशन भी हो जाएगा तुम्हें किसी भी स्कॉलरशिप को पास करने की जरूरत नहीं है तो फिर भी क्यों अपनी पढ़ाई खराब करना चाहती हो! छाया हंसते हुए कहती है यार तुम बिन तुम नहीं समझोगे तुम यह यह छोड़ो और बस अपने एग्जाम में पास होने की तैयारी करो मैं तो अभी से ही मिठाई लेने जा रही हूं। और दोनों हंसने लगते हैं। पहले अनिका सुबह और दोपहर को ही करती थी पर जैसे-जैसे एग्जाम नजदीक आ रहे थे अनिका को टेंशन हुई जा रही थी वह सुबह और दोपहर क्या अब तो कोई टाइम नहीं देखी और दिन भर रात भर पढ़ती रहती क्योंकि वह बिल्कुल भी इस एग्जाम में फेल नहीं होना चाहती थी उसे यह स्कॉलरशिप जितना था और अपनी मां को यह दिखाना था कि वह कर सकती है और उसनेकिया।। अब अनिका को इंतजार था तो बस एग्जाम का जो कि सिर्फ तीन दिन बाद होने जाने वाला था। क्या अनिका पास कर पाएगी द फ्यूचर मेकर यूनिवर्सिटी का स्कॉलरशिप एग्जाम। और कंटिन्यू कर सकती है क्या वह अपनीपढ़ाई। क्या वह स्कॉलरशिप पास करके बदल सकती है अपनी जिंदगी क्या बन सकती है एक बिजनेसमैन वूमेन क्या होगा आगे देखें औरपढ़ें धन्यवाद तक आने और पढ़ने के लिए

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