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यह कहानी है एक ऐसे 10 वर्ष के लड़के की जो बहुत कमजोर होता है जिससे वह हर बार लोगों की मजाक का पात्र बन जाता है और ऐसे गुरु की जो उस लड़के को बनाते हैं ताकतवर और काबिल. तो आगे की कहानी के लिए जुड़े रहे हमारी कहानी से.

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शानदार कबीला
चिलान धरती से दूर अलग और खूबसूरत दुनिया है जहां लोगों के पास शक्तियों का भंडार हैं जहां के लोग जीते हैं ताकतवर बनने के लिए और दूसरो पर राज करने के लिए यहां शक्तियों का स्तर बहुत ही खास तरीके से छोटे-छोटे स्तर पर बांटा गया है कुछ लोग जो सामान्य होते हैं जिनके पास कोई शक्तियां नहीं होती है वे लोग सामान्य योद्धा होते हैं जो मार्शल आर्ट की मदद से फाइट करते हैं इनके लिए शक्तियों का कोई स्तर नहीं चुना गया ऐसा इसलिए क्योंकि यहां शक्तियां लोगों के पेट के हिस्से में स्थित एक शक्ति कोर में उपस्थित होता है क्योंकि सभी लोग शक्ति कोर का निर्माण नहीं कर पाते हैं इसलिए वहीं जिनके पास शक्ति कोर होता है वे लोग ही शक्तियों का उपयोग कर सकते हैं सामान्य योद्धा जिसका शक्ती कोर अभी निर्मित हुआ ही है इस कोर को रैंक वन साधना शक्ति स्तर पर माना गया है इस प्रकार शक्ति कॉर नौ साधना शक्ति स्तर तक विकसित होता है जिनको साधना शक्ति रैंक के नौ सितारे कहा जाता है उसके बाद मूल शक्ति स्तर आता है इसके बाद शक्ति कोर शक्ति परिवर्तन स्तर तक विकसित होता है इसके बाद आता है आध्यात्मिक परिवर्तन और फिर मूल जागृति क्षेत्र और इसके बाद शक्ति स्तर का उच्च जागृति क्षेत्र आता है और फिर आता है निर्वाना क्षेत्र और निर्वाना क्षेत्र के बाद आता है दिव्य आत्मा क्षेत्र इसके बाद उत्पत्ति धारणा क्षेत्र और इसके बाद उत्पत्ति राजा क्षेत्र और मूल उत्पत्ति सम्राट क्षैत्र है सभी क्षेत्रों के मध्य नौ स्तर होते हैं वही रथी , महारथी, गन्धर्व, और यक्ष ये चार रैंक इस दुनिया के सबसे शक्तिशाली रैंक है जहां रथी और महारथी रैंक आठ परिवर्तनो में विभाजित है वहीं गन्धर्व और यक्ष रैंक में पांच परिवर्तन होते हैं इस दुनिया का एक प्रसिद्ध साम्राज्य सुनहरा शंख साम्राज्य है यह साम्राज्य द्विप के दक्षिणी हिस्से में स्थित है आज साम्राज्य के एक छोटे से शहर मकदुनिया में सड़क पर कुछ लड़के एक लड़के को पिट रहे थे तभी एक लड़का आगे आकर उस लड़के के चेहरे पर एक हाथ से हमला करता है जिससे वह लड़का बेहोश हो जाता है लड़के के बेहोश होते ही वह सभी लड़के वहां से जाने लगते हैं तभी एक लड़का आकर उस लड़के के हाथ से एक डिब्बे को छिन लेता है अब दुसरे दिन वह लड़का एक कमरे में अपने बिस्तर पर लेटा होता है और उसके एक तरफ एक बुजुर्ग आदमी बैठा होता है जिसके बाल सफेद होते हैं इनका नाम महेंद्र है जों शानदार कबीले के कबीले प्रमुख हैं वही उसके दुसरी तरफ एक खुबसूरत लड़की बैठी होती है जो चिन्ता के साथ उस लड़के को देख रही होती हैं तभी वह लड़की बुजुर्ग आदमी से बोलती है दादा जी क्या आदित्य ठीक है तभी वह बुजुर्ग आदमी बोलता है बेटा नंदिनी तुम चिंता मत करो वह ठीक है वह सिर्फ बेहोश है। तभी आदित्य कि आंख खुलती हैं। अब उसे होश में आते देख नंदिनी उसे बैठने में मदद करती है आदित्य का सिर अभी दर्द कर रहा होता है इसलिए वह अपने सिर को पकड़ लेता है यह देखकर बुजुर्ग आदित्य से बोलता है छोटे लड़के मेने तुम्हे कितनी बार कहा है कि तुम दुसरे लड़कों से दूर रहा करो। पर तुम हो कि मेरी सुनते ही नहीं हो। यह सुनकर आदित्य मायुस हो जाता है जिसे देखकर वह आदमी उससे बोलता है छोटे लड़के अब दादा को बताओ आखिरकार तुम उन कमीनें लड़कों से क्यों उलझे थे। तभी आदित्य बोलता है दादा जी में आज बाहर घूमने गया था। किस्मत से मुझे एक बुजुर्ग मिलें। उन बुजुर्ग ने मुझसे मुख्य बाजार का रास्ता पूछा इसलिए मैंने उनको मुख्य बाजार तक पहुंचने में मदद कि इससे खुश होकर बुजुर्ग ने मुझे एक रैंक 1 औषधिय गोली दी जिसे लेकर में वापस लोट रहा था पर रास्ते में ही उन कमीनों के समुह ने मुझे रोक लिया। और मुझसे वह गोली छिन ली और मुझे पिटने लगे। यह सुनकर वह बुजुर्ग गुस्सा करने लगा तभी पास बैठी नंदिनी उसे शांत करते हुए बोलती है दादा जी आप शांत हो जाइए आखिरकार इस वक्त हम उनके साथ कुछ भी नहीं कर सकते हैं तभी आदित्य भी अपने दादा को शांत करने कि कोशिश करता है तभी वह बुजुर्ग आदित्य को आराम करने के लिए बोलकर वहां से चला जाता है अब कुछ देर बाद नंदिनी भी आदित्य से कुछ बातें करने के बाद कमरे से बाहर चली जाती है । जिसके बाद आदित्य आराम करने लगता है। दुसरी और नंदिनी अपने दादा जी के साथ एक कमरे में बैठी होती है तभी वह अपने दादा जी से पुछती है। दादा जी वह लोग हर बार हमें दबाने कि कोशिश करते हैं पर फिर भी आप उन्हें सजा क्यों नहीं देते हैं तभी वह बुजुर्ग बोलता है छोटी लड़की आखिर यह इतना आसान होता तो मैं कभी का ये नहीं कर देता। नंदिनी तुम अभी छोटी हो तुम्हें दुनिया के बारे में कोई जानकारी नहीं है तभी नंदिनी अपने दादा जी से बोलती है दादा जी मुझे बताइये ना कि बाहर कि दुनिया कैसी है यह सुनकर बुजुर्ग आदमी बोलता है नंदिनी हम जिस शहर में रहते हैं वह मकदुनिया शहर सुनहरा शंख साम्राज्य का एक छोटा सा शहर है साम्राज्य में कुल 30 शहर है सुनहरा शंख साम्राज्य का नियन्त्रण पांच प्रमुख दलो के पास है सुनहरा शंख दल, नीला तलवार दल, सुनहरा आईना दल, शाही परिवार, नीलामी घर इन पांचों दलों में सबसे ताकतवर दल सुनहरा शंख दल है यह दल साम्राज्य का सबसे पुराना दल है इसके बाद शाही परिवार और सुनहरा आईना दल और फिर नीला तलवार दल है पांच दलों में नीलामी घर सबसे कमजोर है पर साम्राज्य की सभी बडी नीलामी ,नीलामी घर द्वारा आयोजित करवाई जाती है इसलिए भले ही नीलामी घर के पास ज्यादा ताकत वाले योद्धा नहीं है पर फिर भी यह दल अन्य दलों से कमजोर नहीं है और साम्राज्य में एक दल ऐसा भी हैं जो आमतौर पर साम्राज्य के मामलों से दूर रहता है परन्तु वह दल भी बहुत शक्तिशाली है इस दल का नाम आकाश दल है यह दल भी सुनहरा शंख दल के समान ही है एक समय में इस दल के पास एक शक्तिशाली योद्धा था जो निर्वाना रैंक के नौ सितारे तक आगे बढ़ गया था। पर पता नहीं वह अचानक कहीं गायब हो गया और फिर कभी दिखाई नहीं दिया लोगो का कहना है कि वह योद्धा गायब होने से पहले एक ख़तरनाक चीज के संपर्क में आया था। जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया था। और घायल होने के कारण मारा गया। अगर वह योद्धा अभी जिंदा होता तो कम से कम दिव्य आत्मा क्षेत्र के दुसरे सितारे पर होता। दादा जी साम्राज्य में हमारे शानदार कबीले कि शक्ति किस दर्जे कि है। तभी दादा जी बोलते हैं छोटी लड़की आखिर तुम मुझ बुढ़े से कितने सवाल करोगी। मुझे लगता है अब तुम्हें जाकर आराम करना चाहिए। तभी कमरे के दरवाजे से चरमराने की आवाज आती हैं। जैसे ही बुजुर्ग आदमी दरवाजे कि और देखता है तो वह हैरान होकर बोलता है छोटे लड़के तुम यहां क्या कर रहे हो मैंने तुम्हें आराम करने के लिए कहा था ना तभी आदित्य शरमाते हुए बोलता है दादा जी में ठीक हु बस मुझे वहां नींद नहीं आ रही थी। इसलिए मैं यहां आ गया। वैसे आपने बताया नहीं आखिरकार हमारा शानदार दल साम्राज्य में कितना शक्तिशाली है। छोटे लड़के तुम,, तुम यहां कभी के आ गये हो। तभी आदित्य बोलता है दादा जी आप बताइए ना। ये सुनकर दादा जी मुस्कान के साथ बोलते हैं सच कहूं तो अभी हमारा शानदार दल साम्राज्य में सिर्फ तीसरे दर्जे का दल है और हमारे मकदुनिया शहर में तीन प्रमुख दल है सौदागर दल , जांबाज दल, और हमारा शानदार दल तीनो दलों में सौदागर दल सबसे शक्तिशाली दल है। सौदागर कबीले का लीडर आध्यात्मिक परिवर्तन स्तर के छठे सितारे पर है। उसका नाम जोराल सौदागर है। और भले ही में और जांबाज दल के लीडर शुभम आध्यात्मिक परिवर्तन स्तर के चौथे और पांचवें सितारे पर है फिर भी हम दोनों मिलकर भी काम करें पर फिर भी सौदागर कबीले के लीडर को नीचे खिचना आसान नही होगा। निश्चित रूप से हमें एक बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ी । अच्छा अच्छा अब तुम्हें जाकर आराम करना चाहिए। जब दोनों ने यह सुना तो वह अपने दादा जी से कुछ और बोल नहीं पाये वह उनसे कुछ और जानना चाहते थे हालांकि ऐसा था । पर अब वह दोनों भी जानते थे कि अब दादा जी उनसे परेशान नहीं हो सकते थे। इसलिए ना चाहते हुए भी वहां से जाने के अलावा उनके पास कोई और रास्ता नहीं था। कुछ देर बाद आखिरकार उन्होंने जाने का निश्चय किया और दरवाजे कि और चले गये महेंद्र ने उनको जाते देख मुस्कुराने लगे। अगले दिन सुबह आदित्य जल्दी उठ गया। और अपनी ट्रेनिंग करने लगा। आदित्य पांच वर्ष की उम्र में ही शक्तियों की ट्रेनिंग में लग गया था और वह 6 महिने में ही अपना शक्ति कोर विकसित करने में सफल हो गया था। इसलिए कबीले में बुजुर्ग और शहर के लोग आदित्य को शानदार कबीले कि शक्ति के रूप में मानने लगे थे। हालांकि आदित्य ने अपने शक्ति कोर को विकसित कर लिया था पर उसका शक्ति कोर पुरी तरह स्थिर नहीं हो पाया। और पिछले 4 वर्षो मे कबीले ने इसके सुधार के लिए बहुत से धन को बर्बाद कर दिया फिर भी वह आदित्य को कोई फायदा नहीं पहुंचा पाये। वास्तव में आदित्य महेंद्र के अपने पोते नहीं थे। एक दिन आदित्य को उनके बेटे दानिश द्वारा व्यक्तिगत रूप से कबीले में लाया गया था। जब दानिश आदित्य को लेकर आए तो वे बुरी तरह गंभीर रूप से घायल थे। और मृत्यु के करीब थे। पर मरने से पहले उन्होंने आदित्य को महेंद्र को देते हुए उसकी सुरक्षा के लिए कहा था बचपन से अब तक महेंद्र ने आदित्य को अपने पोते की तरह प्यार किया। फिर भी कबीले ने आदित्य को पुरी तरह स्वीकार नहीं किया। अगर आदित्य को दानिश द्वारा व्यक्तिगत रूप से नहीं लाया गया होता तो वे इसे कबीले से बाहर निकाल देते। धन के व्यय को तो भुल ही जाये। वर्तमान में शहर में आदित्य को सिर्फ एक कमजोर बच्चा मानते जो कभी कुछ नहीं कर सकता है। यही कारण है कि आदित्य को महेंद्र कबीले से बाहर जाने से रोकते हैं। ताकि वह सुरक्षित रहे। पर आदित्य ने हार मानने से इंकार कर दिया ओर ट्रेनिंग करता रहा। कुछ घंटे तक ट्रेनिंग करने के बाद आदित्य अपने बिस्तर पर से उठा और बाहर चला गया। और कुछ देर बाद आदित्य कबीले के बाहर एक पहाड़ी चट्टान के पास खड़ा था। सामने चट्टान पर एक मोटा और कम ऊंचाई वाला एक युवक बैठा था। वह देखने पर गुस्से में लग रहा था। और किसी का इंतजार कर रहा था। यह युवक आदित्य का मित्र था जिसका नाम दिव्यांश था। यह शहर के एक और छोटे से दल बादल दल का युवा साथी था तभी पीछे से एक आवाज आयी भाई दिव्यांश मुझे माफ़ कर दो मैंने आज फिर आने में देर कर दी। ये आवाज आदित्य कि थी जो चट्टान पर चढ़ रहा था। तभी दिव्यांश ने पीछे मुड़कर देखा और आगे आते हुए आदित्य को उपर आने में मदद की और वे दोनों वहीं बैठ गये। तभी दिव्यांश ने आदित्य कि और देखते हुए बोला आखिरकार तुम कभी समय पर आ सकते हो। इस बार में माफी नहीं दुंगा और तुम्हें इसकी सज़ा ज़रूर दूंगा। तभी आदित्य बोलता है ठीक है पर अब हम चले । और फिर वे दोनों वहां से चले जाते हैं कुछ देर चलने के बाद उनके सामने एक जंगल आता है। वास्तव में यह दोनो ही यहां अक्सर आते हैं क्योंकि यहां पास में एक झरना है और ये दोनों यहां के पानी में नहाते है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि आदित्य दल में अपने आप को बार बार कचरा कहते हुए नहीं सुनना चाहता था। और अब दल के साधना संसाधनों का उपयोग करने के बजाय वह खुद से जंगल में अपने लिए औषधियां हासिल करता है आज भी वे इसलिए ही जंगल में आए हैं। आदित्य और दिव्यांश दोनों ही जंगल में घूमने लगे और औषधियां को इकट्ठा करने के बाद‌ झरने पर आकर बैठ गए उन्हें यहां बातें करते हुए कब दोपहर हो गई उन्हें ध्यान ही नहीं आया। तभी वहां दौड़ते हुए एक आदमी आया। और आदित्य को सुचना देने के बाद चला गया। तभी आदित्य और दिव्यांश दोनों ही अपने शानदार कबीले कि और दौड़ते हुए जाने लगे। दुसरी और शानदार कबीले कि जागीर में लीडर कि कुर्सी पर एक बुजुर्ग आदमी बैठा होता है अप्रत्याशित रूप से ये महेंद्र थे। वहीं बगल में कुछ और लोग बैठे थे ये लोग कबीले के बुजुर्ग थे। और महेंद्र के सामने कुर्सी पर एक मोटा और लम्बा आदमी बैठा था। और उसके बगल मे एक लड़की बैठी थी। तभी वह मोटा आदमी बोलता है। भाई महेंद्र निश्चित रूप से तुम्हें याद होना चाहिए कि 5 वर्ष पहले तुम्हारे शानदार कबीले ने हमारे शयान कबीले से 4 करोड़ आत्मा सिक्कों की सहायता ली थी और हमने तुम्हारी सहायता कि हमारे समझोते के हिसाब से तुम्हें पहले ही उसे लौटा देना चाहिए था पहले ही 4 वर्ष कि अवधि पूरी हो चुकी है। तभी महेंद्र बोलते हैं। भाई केतन हमारा शानदार कबीला इसका क्या मतलब समझे में मानता हूं कि कबीले ने आपसे 4 करोड़ आत्मा सिक्कों की सहायता ली परन्तु आप ही ने कहा था कि हमें धन को भुला देना चाहिए क्योंकि आप और हम अब रिश्ते में एक ही है और आपने अपनी बेटी सिया और आदित्य कि शादी करवाने का निश्चय किया था हालांकि अब आप अपनी बात से इंकार कर रहे हैं। भाई महेंद्र आप ये जानते हैं कि आदित्य अभी भी अपने शक्ति कोर को स्थाई नहीं कर पाया है। और तो और यह स्थिति पिछले 4 वर्ष मैं थोड़ी भी नहीं बदली ये आप भी जानते हैं कि मेरी बेटी सिया पहले ही साधना स्तर के नौवें सितारे पर है और जल्द ही मुल स्तर तक आगे बढ़ने वाली है और निश्चित रूप से कोई भी व्यक्ति अपनी बेटी कि शादी किसी कमजोर और बेकार आदमी से नहीं करवाना चाहेगा। पर तभी एक शक्तिशाली शक्ति का दबाव जो आध्यात्मिक परिवर्तन स्तर के पांचवें सितारे का था केतन की और बढ़ गया ये दबाव महेंद्र के शरीर से निकला था तभी केतन भी अपनी और आते दबाव को महसूस कर बोलता है। महेंद्र तुम बहुत आगे बढ़ गये हो। तभी केतन के शरीर से एक राजसी दबाव पानी कि तरह बहता है जो कि आध्यात्मिक परिवर्तन क्षेत्र के सातवें सितारे का होता है और महेंद्र के दबाव को तोडते हुए सीधे जाकर महेंद्र से टकराता है तभी महेंद्र दो कदम पीछे हट जाता है और महेंद्र कि शक्ति को कम करने के बाद केतन बोलता है कि ठीक है हमने ये रिश्ता उस वक्त साम्राज्य कि सामुहिक प्रतियोगिता में पांचो दलों के बुजुर्ग के‌ सामने तय किया था इसलिए मैं चाहता हूं कि तुम उनके सामने जाकर इस रिश्ते को तोड़ने कि बात कहो। जब यह बात बोली गई तभी होल का दरवाजा जोर से चरमराने की आवाज के साथ खुल गया था जैसे कि किसी ने उसे धक्का दे दिया हो इस परिवर्तन को महसूस कर सभी की द्रष्टि दरवाजे कि और गयी। तभी उन सभी की द्रष्टि में एक युवक जो गुस्से में उनकी और बढ़ रहा था। दिखाई दिया। उसे देख महेंद्र और दुखी हो गया। क्योंकि इन घटनाओं से आदित्य और भी दुखी हो जाता। आखिरकार किसी का रिश्ता टुट जाना उसको हंसी का पात्र बना देगा और यदि रिश्ता लड़की कि और से थोड़ा जायें तो यह और भी भयानक होगा हालांकि केतन रिश्ते को तोड़ने का अवसर महेंद्र को देने का दिखावा कर रहा था हालांकि आदित्य कि स्थिति को देखकर यह निश्चित रूप से लोगों के समझने के लिए काफी था। तभी आदित्य केतन के पास आता है और बोलता है ठीक है यदि आप रिश्ता तोड़ना चाहते हैं तो ठीक है निश्चित रूप आने वाली साम्राज्य कि सामुहिक प्रतियोगिता में मेरे और सिया के बीच एक मुकाबला होगा और मुकाबले में यदि मैं हार जाता हूं तो मैं खुद यह रिश्ता तोड़ने कि पहल करुंगा और तो और आपका राशि को दुगुना कर वापस कर दुंगा हालांकि यदि सिया हार जातीं हैं तो उसे मेरे कबीले में एक गुलाम बन कर रहना पड़ेगा। जब यह बात केतन ने सूना तो वह तुरन्त गुस्सा हो गया और वह आदित्य को कुछ कहने ही वाला होता है तभी सिया बोलती है तो ठीक है यदि तुम वास्तव में ऐसा चाहते हों तो मैं तुम्हारे इस प्रस्ताव को स्वीकार करतीं हु अब चार वर्ष बाद होने वाली साम्राज्य प्रतियोगिता में हमारा सामना होगा और यह बोलते हुए वह वहां से जाने लगती है और यह देखकर केतन भी ना चाहते हुए उसके साथ चला जाता है उसके बाद आदित्य भी वहां से चला जाता है यह देखकर महेंद्र और भी दुखी हो जाता है क्योंकि आदित्य ने गुस्से में स्थिति को इस तरह बढ़ा दिया था पर वह भी जानता था कि आदित्य इस वक्त बहुत गुस्से में था इसलिए उसने ऐसा किया। अब कुछ देर बाद आदित्य अपने कमरे में आता है और बिस्तर पर बैठ जाता है और अपने शक्ति कोर को स्थिर करने लगता है और उसके इस पागलपन भरे प्रशिक्षण के साथ ही समय पानी कि तरह बह जाता है और अगले दिन सुबह आदित्य जल्दी ही जाग जाता है और वह अपने दिनचर्या में लग जाता है हालांकि पहले और अब मैं अन्तर यह था कि अब आदित्य अपने प्रशिक्षण के प्रति और भी सक्रिय हो गया था। क्योंकि आदित्य अपने दादा जी को अपने लिए परेशान होने नहीं देना चाहता था। वह जानता था कि उसने अपने गुस्से में अपने आप के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है परन्तु उसकी अपनी ग़लती की वजह से कबीले को भी इसका नुकसान उठाना पड़ा और कबीले नेता के रूप में दादा महेंद्र को भी भारी सर दर्द होगा और यह सोचने के बाद वह और भी चिंतित हो गया और अपनी ट्रेनिंग करने लगा इसी तरह धीरे-धीरे समय बीतता गया और एक महीने का समय निकल गया था हालांकि आदित्य अभी भी अपने स्तर को नहीं बढ़ा पाया।‌ अभी भी उसका शक्ति कोर स्थिर नहीं हुआ। जिससे वह दुखी हो गया अब वह निश्चय करता है कि वह जंगल में जाकर अपने लिए औषधियां हासिल करने की कोशिश करेगा जिससे वह अपनी कोर को स्थिर कर सकें और वह जंगल कि और जाने लगता है। तभी उसे याद आता है कि उस घटना कि वजह से दिव्यांश के पिता ने उसे आदित्य के साथ कहीं भी जाने से रोक दिया था क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि उनके इस व्यवहार से श्यान कबीला उनसे नाराज़ हो। आदित्य जानता था कि इसमें दिव्यांश के पिता की कोई गलती नहीं है परिवार के मुखिया के रूप में उन पर कुछ जिम्मेदारियां थी जिनसे वह मुंह नहीं फेर सकते थे। हालाकि है ऐसा था फिर भी दिव्यांश और आदित्य आपस में मिलते रहते थे। और उनकी दोस्ती पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा आज आदित्य एक महीने के बाद जंगल की ओर निकला था इसलिए वह दिव्यांश को परेशान करने से बच रहा था। उसने जब जंगल में चारों और का परिदृश्य देखा तो वह चौंक गया क्योंकि एक महीने की अवधि में अब जंगल की वह पुरानी स्थिति बहुत हद तक बदल चुकी थी ऐसा यहां आने वाले लोगों की वजह से था चूंकि जंगल में बहुत सी औषधिय सामग्रियां पायीं जाती थी इसलिए यहां लोगों का आना जाना स्वभाविक था इससे आदित्य चिंतित नहीं हो सका दोपहर तक जंगल में औषधियों को ढूंढने के बाद आदित्य को आखिरकार कुछ औषधियां मिल गई हालांकि औषधियो की कीमत ज्यादा नहीं थी परंतु आदित्य जैसे शुरुआती योद्धा के लिए यह बहुत कीमती मानी जा सकती थी औषधियों को एक साथ इकठ्ठा करने के बाद आदित्य वापस जागीर में लौटने के लिए आने लगा तभी उसे झरने की याद आई उसने याद किया कि जंगल का वह झरना उसकी दिनचर्या का एक हिस्सा हुआ करता था इसमें दिव्यांश और वह अक्सर वहां जाते थे इसलिए आदित्य ने भी एक बार वहां जाने का सोचा और वह सीधा जंगल के एक निश्चित दिशा में चल दिया कुछ देर तक चलने के बाद उसके सामने एक बड़ा सा झरना दिखाई दिया तभी आदित्य आगे बढ़ा और वहां की एक ऊंची चट्टान पर चढ़ गया कुछ देर तक झरने में नहाने और चारों तरफ की खूबसूरती को देखने के बाद उसने वापस कबीले में लौटने का निश्चय किया और कबीले की दिशा में आगे बढ़ने लगा हालांकि उसी वक्त उसे कुछ गिरने की आवाज आई यह आवाज तेज नहीं थी परन्तु शांत जंगल में झरने के पानी कि आवाज के बीच यह आसानी से पहचानी जा सकती थी। जब आदित्य ने आवाज सुनी तो वह पीछे मुड़कर देखने लगा पर उसे कुछ देर तक देखने पर भी कुछ नहीं दिखाई नहीं दिया जिससे वह इसे अपना एक ख्याल समझकर वहां से जाने लगा लेकिन तभी उसकी नजर पत्थर के पास पड़ी एक काली सी वस्तु पर गई । दुर से यह कुछ खास नहीं लग रही थी। जब आदित्य ने उसे पास आकर देखा तो उसे पता चला कि यह तो सिर्फ एक जंग लगी गले कि चेन थी परन्तु उस चेन पर लटकी एक तलवार वाली आकृती वाला छोटा हथियार बहुत ही सुंदर और नया था। जिसे देखकर आदित्य ने उसे अपने पास रख लिया और फिर वह कबीले में लौट आया कुछ देर आराम करने के बाद आदित्य फिर से अपनी ट्रेनिंग में लग गया और वैसे ही अपनी पुरानी स्थिति में लोट आया जिसे देखकर कबीले में महेंद्र और नंदिनी बहुत चिंतित होने लगे वह जानते थे कि अगर आदित्य इसी तरह प्रशिक्षण लेने की कोशिश करता रहेगा तो वह निश्चित रुप से अपने आप को फायदे से ज्यादा नुकसान पहुंचाएगा भले उसके पास एक स्थिर शक्ति कोर उपस्थित नहीं था फिर भी उसकी प्रशिक्षण की लगातार अवधि उसके शक्ति कोर को स्थिर करने के बजाय उसके शरीर को कमजोर करने लगेगी और उसे घायल कर सकती हैं पिछले महीने में कहीं बार महेंद्र ने व्यक्तिगत रूप से आदित्य को इसके बारे में सतर्क करने की कोशिश की थी फिर भी आदित्य ने उनकी बात मानने से इनकार कर दिया और अपने प्रशिक्षण को रोकने का कोई कदम नहीं उठाया। आदित्य के इस बिना रुके प्रशिक्षण के कारण महेंद्र के बातें सच होने लगी और धीरे-धीरे आदित्य का शरीर कमजोर होने लगा हालांकि आदित्य ने फिर भी रुकने की हिम्मत नहीं कि और वह लगातार ट्रेनिंग करता गया धीरे-धीरे 15 दिन का समय कब निकल गया आदित्य को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी परंतु दिन भर के प्रशिक्षण के कारण उनका शरीर अब बहुत कमजोर हो गया था और वह अपनी प्रशिक्षण को भी सही ढंग से नहीं कर पा रहा था जिसे वह और भी दुखी हो गया शरीर की अधिक कमजोरी के कारण आदित्य अब अपने बिस्तर से उठने की काबिलियत को भी खोने लगा था वक्त के साथ यह स्थिति कब इतनी भयानक स्तर पर आगे बढ़ गई कि आदित्य अब अपने बिस्तर से उठने में भी असमर्थ हो गया पता ही नहीं चला। इससे आदित्य को ना चाहते हुए भी अपने आप को रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा। वह 15 दिन की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार 16 वे दिन कमजोरी के कारण आदित्य बेहोश हो गया उसके बाद आदित्य पिछले 7 दिनों से बेहोश अपने बिस्तर पर लेटा रहा और महेंद्र और नंदिनी उसके पास उसका ख्याल रखने के लिए रहने लगे। 7वे दिन जब उसकी आंख खुली तो उसके पास महेंद्र एक कुर्सी पर बैठा था और वह आदित्य को चिंता से देख रहा था तभी उसकी नजर आदित्य की आंखों पर जाती है जिसे देख वह जल्दी से आदित्य के पास आता है और बोलता है छोटे लड़के आखिरकार तुम होश में आ गए देखो तुम्हारी यह हालत देख कर दादा कितने परेशान हो गए थे क्या तुम्हें हमारी कोई चिंता नहीं है तुमने मेरी बात को नहीं माना और देखो अब तुम्हारी क्या हालत हो गई है यह सुनकर पास में खड़ी नंदिनी जो दादा जी के लिए गिलास में पानी डाल रही थी जल्दी से आदित्य की ओर दौड़ती हुई आई और आदित्य को ठीक देकर शांत हो गई जब आदित्य ने यह सब देखा तो वह बहुत शर्मिंदा हो गया और महेंद्र से माफी मांगते हुए बोला दादाजी मुझे माफ कर दीजिए मैं सिर्फ आपको परेशान होने से बचाना चाहता था इसीलिए मैंने यह सब किया फिर भी मुझे अपने आप को ताकतवर बनाना होगा। यह सुनकर महेंद्र आदित्य से बोलता है कि छोटे लड़के आखिरकार अगर तुम ताकत का इस्तेमाल करने के लिए जीवित ही नहीं रहोगे तो ताकत का क्या फायदा। यह सुनकर आदित्य मायूस हो जाता है जिसके बाद महेंद्र उसे समझाते हैं कि उसे चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है दादाजी इसका कोई हल निकालेंगे और वह आदित्य को आराम करने के लिए बोलकर वहां से जाने लगते हैं जिसे देखकर नंदिनी भी आदित्य को आराम करने के लिए बोलती हैं और जाने से पहले चेतावनी देती है कि अगर उसने फिर से प्रशिक्षण लेने की कोशिश की तो वह उससे कभी बात नहीं करेगी और फिर वह भी आदित्य को आराम करने के लिए बोल कर वहां से चली जाती हैं इसे देखकर आदित्य दुखी हो जाता है और अपने बिस्तर पर लेट जाता है और बोलता है कि मैं वास्तव में एक कचरा हूं जिसने अपने परिवार को हमेशा परेशान किया है मैं किसी काम का नहीं हूं और यह बोलते हुए वह रोने लगता है और अपनी मुट्ठी को जोर से दबाने लगता है तभी उसे एक आवाज आतीं हैं बेकार लड़के क्या तुम्हें इतनी सी बात के लिए इतना भावुक होकर रोना जरुरी है तुम्हारे दादा ने समस्या का हल निकालने के लिए बोला है क्या तुम्हें अपने दादा पर विश्वास नहीं है तुम्हारी वजह से मुझे परेशानी हो रही है जिसे सुनकर आदित्य अपने चारों देखने लगता है लेकिन उसे कुछ भी नहीं दिखाई देता है। जिसे देखकर वह फिर से रोने लगता है पर फिर से उसे वही आवाज आती है क्या तुम्हें समझ नहीं आ रहा है

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